कठिन शब्दार्थ:-
दूज- शुक्ल पक्ष का दूसरे दिन का चांद। स्थाई- पक्का। सहचर- साथी। बागवानी- बाग बगीचे लगाना। अवशेष- बचे हुए पदार्थ। दुरभिसंधिया- दुश्मनों या गलत इरादों द्वारा की गई संधि। कुदाल- फावड़ा। पैगंबर- ईश्वर का दूत। अख्तियार- अधिकार। अभिभूत- मुग्ध। दम घोटू- सांस रोकने वाली। यंत्रणा- प्रताड़ना। अरसे- काफी समय से। जटिलता- कठिनता।
➤ 'अहमदनगर का किला' पाठ कब कहां और किसके द्वारा लिखा गया?
=> उत्तर- अहमदनगर का किला पाठ अहमदनगर किले में बंदी रूप में रह रहे जवाहरलाल नेहरू द्वारा 13 अप्रैल 1944 को लिखा गया।
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➤ नेहरू जी कितनी बार जेल यात्रा कर चुके थे?
=> उत्तर- स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु यह नेहरू जी की नवमी जेल यात्रा थी।
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➤ अहमदनगर किले में रहकर नेहरू जी ने क्या कार्य करना प्रारंभ किया?
=> उत्तर- अहमदनगर किले में नेहरू जी ने बागवानी का कार्य शुरू किया । क्योंकि वह खाली बैठकर समय व्यर्थ नहीं करना चाहते थे। उन्होंने पथरीली व कंकरीली जमीन को भी उपजाऊ बना डाला।
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➤ अहमदनगर किले के साथ कौन सी घटना जुड़ी हुई है?
=> उत्तर- अहमदनगर किले के साथ साहसिक चांद बीवी की घटना जुड़ी हुई है जिसने अकबर की सारी सेना के विरुद्ध हाथ में तलवार उठा कर अपनी सेना का नेतृत्व किया, लेकिन बाद में उसके अपने ही एक आदमी ने उसकी हत्या कर दी।
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➤ जवाहरलाल नेहरू अपनी लेखनी से क्या लिखना चाहते थे?
=> उत्तर- जवाहरलाल नेहरू अपनी लेखनी से भारत के इतिहास पर प्रकाश डालना चाहते थे।
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➤ नेहरू जी ने कुदाल छोड़कर कलम क्यों उठाई?
=> उत्तर- भारतीयों में राष्ट्रप्रेम जागृत करने हेतु।
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➤ 'अतीत का दबाव' के बारे में नेहरू जी ने क्या कहना चाहा?
=> उत्तर- नेहरू जी का मानना था कि मनुष्य का अतीत अच्छा हो या बुरा दोनों ही रूपों में प्रभावित करता है। यदि अतीत बहुत प्राचीन और श्रेष्ठ कम हो लेकिन किसी कारणवश वर्तमान परिस्थितियां संतोषजनक हो जाए तो सहन करना बहुत मुश्किल होता है। जैसे- इस समय भारत और चीन।
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➤ नेहरू जी की दृष्टि में विरासत के क्या मायने थे?
=> उत्तर- नेहरू जी की दृष्टि में विरासत के मायने वे मूल्य थे जिन्हें हम अपने पूर्वजों द्वारा हजारों वर्षों में प्राप्त करते हैं।
कठिन शब्दार्थ:-धनाढ्य- अमीर,
अचरज- हैरानी,
ठेठ- पक्के,
हमाम- पानी डालने व रखने के बड़े बड़े बर्तन या धरती में बने तालाब,
जज़्ब- शामिल होना,
अवेस्ता- फ़ारसी भाषा में इसका अर्थ प्रार्थना है,
मिथ्या- झूठ,
लोकोत्तर- लोगों को ज्ञात,
कर्म काण्ड- कार्य करना,
असत- अज्ञान,
सत- ज्ञान,
आत्म पीड़न- स्वयं को दुःख देना,
गैर मुनासिब- संभव न होना,
वृत्तांत- वर्णन,
सम्मिश्रण- मिला हुआ,
खदबदाती- सभी बातों का समावेश।,सरोबार- भरा हुआ,
मुकम्मल- पूरा,
तकाज़ा- सही गलत का अनुमान लगाना,
गल्ले- आर्थिक दशा को देखते हुए,
कारवां- दल,
बंदरगाह- जहां समुद्री जहाजों को खड़ा किया जाए या चलाया जाए,
वैयाकरण- व्याकरण जानने वाले,
सूबे- इलाका,
निर्वाण- मोक्ष,
प्रपंच- आडंबर,
अधुनातन- नवीन,
अन्तर्दृष्टि- अंदर की दृष्टि,
मोहताज- निर्भर,
अनीति- गलत कार्य,
विरक्ति- मन हट जाना,
कट्टर- पक्का,
पर्सिपोलिस- प्राचीन काल के शक्तिशाली पारसिक साम्राज्य की राजधानी जो आधुनिक ईरान में है।
➤ प्रश्न 1. मोहनजोदड़ो क्यों प्रसिद्ध है? इससे क्या लाभ हुआ ?
=> उत्तर- मोहनजोदड़ो वह प्रसिद्ध स्थान है जहाँ सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष मिले हैं मोहनजोदड़ो में की गई खुदाई से प्राप्त वस्तुओं से प्राचीन इतिहास समझने में बहुत मदद मिलती है।
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➤ प्रश्न 2. सिंधु घाटी सभ्यता का प्रसार कहाँ-कहाँ तक था?
=> उत्तर- सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष मोहनजोदड़ो के अलावा दूर- दूर स्थानों तक मिले हैं। यह सभ्यता पश्चिम में काठियावाड़ और पंजाब के अंबाला जिले के अलावा गंगा की घाटी तक फैली थी।
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➤ प्रश्न 3. सिंधु घाटी सभ्यता में व्यापार की क्या स्थिति थी?
=> उत्तर- सिंधु घाटी सभ्युता ने फ़ारस, मेसोपोटामिया और मित्र की सभ्यताओं से व्यापार किया। इन नागर सभ्यता में व्यापारी वर्ग धनादे्य था। उसकी भूमिका महत्वपूर्ण थी। सड़कों के किनारे दुकानों की पंक्तियाँ थी जहाँ संभवतः छोटी-छोटी दुकानें थीं।
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➤ प्रश्न 4. आर्य कौन थे? वे भारत कब आए?
=> उत्तर- आयों की पहचान तथा उनके मूल स्थान के बारे में कुछ निश्चित पता नहीं है। व्यवहारिक रूप से उन्हें भारत की ही संतान माना गया है। आर्य भारत में सिंधु घाटी युग के एक हजार वर्ष बाद आए होंगे।
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➤ प्रश्न 5. वैदिक युग के काल निर्धारण पर विद्वानों की क्या राय है?
=> उत्तर- वैदिक युग के काल निर्धारण पर विद्वान एकमत नहीं है। भारतीय विद्वान वैदिक युग का काल बहुत पहले के मानते हैं जबकि यूरोपीय विद्वान इसका समय बहुत बाद का मानते हैं
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➤ प्रश्न 6. वेद क्या है? भारत में प्रथम वेद किसे माना जाता है ?
=> उत्तर- वेद हिंदुओं के प्रकाशित धर्म-ग्रंथ हैं वेदों से हमें यह ज्ञात होता है कि विचारों की प्रारंभिक अवस्था में मानव- मस्तिष्क ने स्वयं को कैसे व्यक्त किया था। ऋग्वेद को भारत का प्रथम वेद माना जाता है।
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➤ प्रश्न 7. वेद शब्द की उत्पत्ति बताते हुए इसका अर्थ स्पष्ट कीजिए?
=> उत्तर- 'वेद' शब्द की उत्पत्ति विद् धातु से हुई है, जिसका अर्थ है-जानना। वेद का सीधा-साधा अर्थ है-अपने समय के ज्ञान का संग्रह। वेदों में न मूर्ति पूजा है और न देव मंदिर।
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➤ प्रश्न 8. उपनिषदों का मनुष्य के जीवन में क्या महत्व है?
=> उत्तर- उपनिषद मनुष्य को भारतीय आयों के चिंतन के बारे में गहराई से ज्ञान कराते हैं ये ईसा पूर्व 800 के आस पास के तत्कालीन सामाजिक गतिविधियों की जानकारी देते हैं।
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➤ प्रश्न 9. महाकाव्यों में उपलब्ध सामप्री की क्या विशेषता है ?
=> उत्तर- महाकाव्यों में उपलब्ध सामग्री की विशेषता यह है कि इसमें शिक्षित तथा अनपढ़ सभी के लिए कुछ न कुछ उपलब्ध है। इनमें वह रहस्य छिपा है जो जाति-पौति में विभाजित ऊँच-नीच समाज को भी एक जुट रखता है।
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➤ प्रश्न 10. महाभारत महाकाव्य के रूप में क्यों प्रसिद्ध है ?
=> उत्तर- महाभारत ऐसा महाकाव्य है, जिसकी गणना विश्व की श्रेष्ठतम रचनाओं में की जाती है। यह प्राचीन भारत की सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों का विश्वकोष है, जिसकी मदद से उस काल के बारे में बहुत कुछ जाना-समझा जा सकता है।
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➤ प्रश्न 11. प्राचीन भारत में ग्राम सभाओं की क्या स्थिति थी? उनकी आय का साधन क्या था?
=> उत्तर- प्राचीन भारत में ग्राम सभाएँ स्वतंत्र थी। वे स्वशासित होते थे। इन्हें समूहों में बाँट दिया जाता था। लगान इनकी आमदनी का मुख्य साधन था। यह उपज के छठें हिस्से तक होता था।
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➤ प्रश्न 12. पाणिनि कौन थे? उन्होंने कौन-सी पुस्तक लिखी ?
=> उत्तर- पाणिनि संस्कृत भाषा के प्रसिद्ध वैयाकरण थे। उन्होंने छठीं या सातवीं शताब्दी ईसा पूर्व में व्याकरण की प्रसिद्ध पुस्तक ' अष्टध्यायी' की रचना की जिसे आज भी संस्कृत व्याकरण का आधिकारिक प्रमाण माना जाता है।
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➤ प्रश्न 13. महाकाव्यों के युग में शिक्षा की क्या व्यवस्था थी?
=> उत्तर- महाकाव्यों के युग में कस्बों के निकट वनों में विद्यालय हुआ करते थे, जिनमें अनेक विषयों का शिक्षण तथा सेन्य प्रशिक्षण दिया जाता था। यहाँ विद्यार्थियों को शहरी जीवन के आकर्षण से बचाकर नियमित और ब्रह्मचर्य जीवन बिताने की सीख दी जाती थी।
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➤ प्रश्न 14. चरक कौन थे? चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उनका योगदान क्या था?
=> उत्तर- चरक कनिष्क के दरबार में राजवैद्य थे। उन्होंने औषधि विज्ञान पर ईसवीं सन् की शुरुआत में पुस्तकें लिखी। अनेक बीमारियों और उनकी पहचान तथा इलाज का वर्णन है।
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➤ प्रश्न 15. महात्मा बुद्ध कौन थे? उनके विषय में अजीव संयोग क्या है?
=> उत्तर- महात्मा बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। वे क्षत्रिय थे। उनकी मृत्यु ईसा पूर्व 544 ईसा पूर्व में हुई। इस दिन बैशाख पूर्णिमा की तिथि थी। इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और उनका निर्वाण भी इसी तिथि को हुआ था।
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➤ प्रश्न 16. बुद्ध-कथा से मनुष्य को क्या शिक्षा मिलती है ?
=> उत्तर- बुद्ध-कथा से मनुष्य को शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को संघर्ष से नहीं भागना चाहिए, बल्कि शांत-दृष्टि से उनका मुकाबला करते हुए जीवन में विकास और प्रगति के बड़े अवसरों को देखना चाहिए।
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➤ प्रश्न 17. चंद्रगुप्त द्वारा स्थापित मौर्य साम्राज्य की जानकारी हमें कहाँ से मिलती है?
=> उत्तर- चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा स्थापित मौर्य साम्राज्य की जानकारी हमें दो साधनों से मिलती है। (i) सेल्यूकस के राजदूत मेगस्थनीज के विवरण से। (ii) कौटिल्य द्वारा लिखित 'अर्थशास्त्र' से।
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➤ प्रश्न 18. अर्थशास्त्र में राजा के राज्याभिषेक के संबंध में क्या कहा गया है?
=> उत्तर- अर्थशास्त्र में कहा गया है कि राजा को राज्याभिषेक के समय शपथ लेनी पडती थी कि वह अपनी प्रजा की सेवा करेगा। उसका सुख प्रजा के सुख में है राजा वही कार्य करेगा, जिसमें प्रजा की भलाई हो। अनीति करने वाले राजा को हटाकर दूसरे को राजा बनाया जा सकता है
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➤ प्रश्न 19. अशोक कौन था? उसने कलिंग-विजय करने का मन क्यों बनाया?
=> उत्तर- अशोक वह महान शासक था, जिसने 273 ई. पू. में मौर्य साम्राज्य का बागडोर संभाला। इस साम्राज्य में भारत का बहुत बड़ा हिस्सा शामिल था। अशोक संपूर्ण भारत को एक शासन व्यवस्था के अधीन लाना चाहता था, इसलिए उसने कलिंग विजय का मन बनाया।
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➤ प्रश्न 20. अशोक द्वारा किए गए कार्यों तथा विचारों की जानकारी हमें किस तरह मिलती है?
=> उत्तर- अशोक के कार्यों तथा विचारों की जानकारी उनके फ़रमानों के माध्यम से मिलती है जो उसने जारी किए। ये फरमान पत्थर और धातु पर खोदे गए जो पूरे भारत में फैले हैं तथा आज भी सुरक्षित है।
कठिन शब्दार्थ-विश्लेषण- सही गलत का विचार करना। अवधारणा- विचार। आलोचक- सही व गलत दोनों धारणाएं प्रकट करने वाला। जीवंत- सदा रहने वाला। ठेठ- पूरी तरह। तेजस्विता- प्रकाश मय। सुदूर- बहुत दूर। दास्तान- आपबीती। मिथक- अविश्वसनीय घटनाएं। दंत कथाएं- लोगों द्वारा कही जाने वाली कहानियां। भग्नावशेष- पुराने चीजों टूटे-फूटे बचे हुए टुकड़े। पुरखे- पूर्वज। अंतर्दृष्टि- अंदर तक पहचान पाने की शक्ति। पाषाण- पत्थर। सम्राट- राजाओं के राजा। शाश्वत- सदा रहने वाले। गुत्थी- उलझा हुआ प्रश्न। नक्काशी- हाथ से की गई मीनाकारी। संकीर्ण रूढ़िवादिता- दकियानूसी विचार। मूर्छा- बेहोश। सामंजस्य- तालमेल। अंतर्वस्तु- अंदर का। विगत- बीता हुआ। बाबत- बारे में। हुकूमत- शासन। अखंड- जिस के टुकड़े ना किए जा सके। ताल्लुक- संबंध। अनुभूति- महसूस। मिथक- मनगढ़ंत।
➤ नेहरू जी भारत को एक आलोचक की दृष्टि से क्यों देखना चाहते थे?
=> उत्तर- नेहरू जी भारत को एकादशी की दृष्टि से देखना चाहते थे क्योंकि वे अतीत के पसंद और नापसंद दोनों पक्षों का अवलोकन करना चाहते थे।
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➤ नेहरू जी ने विदेशियों द्वारा रचित भारतीय साहित्य का अध्ययन क्यों करना चाहा?
=> उत्तर- नेहरू जी ने विदेशियों द्वारा रचित भारतीय साहित्य का अध्ययन करना चाहा ताकि भारत की विशेषताओं की बारीकियों का अध्ययन कर सकें।
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➤ नेहरू जी कश्मीर की ओर अधिक आकर्षित क्यों होते थे?
=> उत्तर- नेहरू जी के पूर्वज कश्मीर के रहने वाले थे। उनके जीवन का काफी समय भी कश्मीर की वादियों में बीता इसलिए वे कश्मीर की ओर अधिक आकर्षित होते थे।
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➤ हिमालय के ह्रदय से कौन-कौन सी मुख्य नदियां निकलती है?
=> उत्तर- हिमालय पर्वत के हृदय से सिंधु ब्रह्मपुत्र यमुना गंगा आदि प्रमुख नदियां निकलती है।
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➤ सिंधु नदी की क्या विशेषता है?
=> उत्तर- सिंधु नदी को इंडस भी कहा जाता है। यह हिमालय पर्वत में से निकलती है। भारत का नाम इंडिया या हिंदुस्तान भी इसी के नाम पर पड़ा है।
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➤ कौन-कौन से स्थान के किले व मूर्तियां भारत के प्राचीन सभ्यता का सुंदर चित्र खींचती है?
=> उत्तर- अजंता, एलोरा और एलिफेंटा की गुफाएं व दिल्ली तथा आगरा की इमारतों का प्रत्येक पत्थर भारत के अतीत का सुंदर चित्र खींचते हैं।
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➤ 'भारत के अतीत के झांकी' के अवलोकन से नेहरू क्या निष्कर्ष निकालते हैं?
=> उत्तर- 'भारत के अतीत की झांकी' के अवलोकन से नेहरू यह निष्कर्ष निकालते हैं कि भारतीय सभ्यता व संस्कृति भले ही कितनी प्राचीन हो जाए लेकिन उसका महत्व सदा बना रहेगा। वर्तमान भारत की नींव का आधार ही प्राचीन संस्कृति व सभ्यता है।
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➤ एशिया की शक्ति कम होने पर कौन सा द्वीप आगे निकला और क्यों?
=> उत्तर- एशिया के सबसे कम होने पर यूरोप में प्रगति की क्योंकि उसने तकनीकी विकास की ओर कदम बढ़ाएं।
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➤ शक्ति पाकर यूरोप ने क्या किया?
=> शक्ति पाकर यूरोप ने पूर्व के देशों पर अधिकार करना चाहा।
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➤ भारतीयों ने किन संकीर्ण धारणाओं को अपनाया?
=> उत्तर- 1. महासागरों को पार ना करना। 2. मूर्ति पूजा की ओर कदम बढ़ाना।
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➤ भारतीय संस्कृति की क्या विशेषता है?
=> उत्तर- भारतीय संस्कृति की यह विशेषता है कि प्राचीन और नवीन में सामंजस्य स्थापित कर, पुराने को बनाए रखने व नए विचारों को आत्मसात करने का सामर्थ्य होना।
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➤ भारत की दशा उस समय क्या थी?
=> उत्तर- उस समय भारत में भयंकर गरीबी थी। लोगों की दशा बहुत बुरी थी। अंग्रेजी शासन के दबाव में लोग जीवन जी रहे थे। मध्यमवर्ग आधुनिकता की ओर कदम बढ़ाना चाहता था।
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➤ बुद्धिजीवियों के समक्ष कैसे भारत की तस्वीर आई?
=> उत्तर- बुद्धिजीवियों के समक्ष ऐसे भारतीयों की तस्वीर आई जो भारत के वास्तविक मूल्यों को पूर्णतया भुला चुके थे।
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➤ नेहरू जी ने भारत की तलाश क्यों करनी चाही?
=> उत्तर- नेहरू जी को बहुत कुछ ऐसा देखने को मिला जिनमें भारत के वास्तविक मूल्यों की झलक नहीं मिलती थी। इसलिए उन्होंने भारत की तलाश करके उन्हें भारत के विशेष मूल्यों को जनता के सामने लाना चाहा।
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➤ भारत का नाम किस पर पड़ा?
=> उत्तर- भारत का नाम ' भरत' नामक राजा के नाम पर पड़ा।
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➤ नेहरू जी किसानों को किस प्रकार समझाना चाहते थे?
=> उत्तर- नेहरू जी किसानों को सीधी सादी भाषा में भारत की विशालता, अखंडता व महत्ता से परिचित करवाना चाहते थे।
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➤ भारत के किसानों की समस्याएं क्या थी?
=> उत्तर- पूरे भारत के किसान गरीबी, कर्ज, निहित स्वार्थ, जमींदार, महाजन, भारी लगान और कर व पुलिस के अत्याचारों व विदेशी हुकूमत की समस्याओं से जूझ रहे थे।
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➤ नेहरू जी जहां भी जाते उनके स्वागत में कौन से शब्द गूंज उठते?
=> उत्तर- भारत माता की जय।
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➤ 'भारत की विविधता और एकता' से आप क्या समझते हैं?
=> उत्तर- भारत विविध अर्थात् भिन्न-भिन्न प्रांतों का देश है। सभी प्रांतों की सभ्यता व संस्कृति में भिन्नता दिखाई पड़ती हैं लेकिन आंतरिक विचारधारा सभी की समान है अर्थात् विविधता होते हुए भी एकता का भाव है।
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➤ ' तक्षशिला' क्यों प्रसिद्ध था यहां अन्य देशों से लोग क्यों आते थे?
=> उत्तर- तक्षशिला विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय था। यहां सुदूर देशों से विद्यार्थी उच्च शिक्षा ग्रहण करने आते थे।
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➤ देहाती और निरक्षर लोगों को देखकर नेहरू जी को क्या हैरानी हुई?
=> उत्तर- देहाती और निरक्षर लोगों को प्राचीन महाकाव्य रामायण और महाभारत तथा अन्य ग्रंथों के सैकड़ों पद याद होना। अपनी बातचीत के दौरान उनके उदाहरण देना, नैतिक उपदेश देना व साहित्यिक बातें करने पर नेहरू जी को हैरानी होती थी कि निरक्षर होने पर भी वह बौद्धिक रूप से पूर्ण समझ रखते थे।
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➤ भारतीयों की क्या दशा थी?
=> उत्तर- भारत के लोग गरीबी व विपत्तियों का जीवन जी रहे थे। समाज में भ्रष्टाचार बढ़ रहा था और निरंतर अभाव और असुरक्षा की स्थिति बनी थी।
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➤ अभावग्रस्त जीवन जीते हुए भी भारतीयों की क्या विशेषता थी?
=> उत्तर- अभावग्रस्त जीवन जीते हुए भी स्वभाव से नम्रता भलमनसाहत उनके विशेषता थी जो उन्हें सांस्कृतिक विरासत में प्राप्त हुई, जिसे बड़े से बड़ा दुर्भाग्य भी ना मिटा सका।