3.सिंधु घाटी सभ्यता (भारत की खोज कक्षा ८) विषय-हिन्दी
3.सिंधु घाटी सभ्यता
कठिन शब्दार्थ:-धनाढ्य- अमीर,
अचरज- हैरानी,
ठेठ- पक्के,
हमाम- पानी डालने व रखने के बड़े बड़े बर्तन या धरती में बने तालाब,
जज़्ब- शामिल होना,
अवेस्ता- फ़ारसी भाषा में इसका अर्थ प्रार्थना है,
मिथ्या- झूठ,
लोकोत्तर- लोगों को ज्ञात,
कर्म काण्ड- कार्य करना,
असत- अज्ञान,
सत- ज्ञान,
आत्म पीड़न- स्वयं को दुःख देना,
गैर मुनासिब- संभव न होना,
वृत्तांत- वर्णन,
सम्मिश्रण- मिला हुआ,
खदबदाती- सभी बातों का समावेश।,सरोबार- भरा हुआ,
मुकम्मल- पूरा,
तकाज़ा- सही गलत का अनुमान लगाना,
गल्ले- आर्थिक दशा को देखते हुए,
कारवां- दल,
बंदरगाह- जहां समुद्री जहाजों को खड़ा किया जाए या चलाया जाए,
वैयाकरण- व्याकरण जानने वाले,
सूबे- इलाका,
निर्वाण- मोक्ष,
प्रपंच- आडंबर,
अधुनातन- नवीन,
अन्तर्दृष्टि- अंदर की दृष्टि,
मोहताज- निर्भर,
अनीति- गलत कार्य,
विरक्ति- मन हट जाना,
कट्टर- पक्का,
पर्सिपोलिस- प्राचीन काल के शक्तिशाली पारसिक साम्राज्य की राजधानी जो आधुनिक ईरान में है।
➤ प्रश्न 1. मोहनजोदड़ो क्यों प्रसिद्ध है? इससे क्या लाभ हुआ ?
=> उत्तर- मोहनजोदड़ो वह प्रसिद्ध स्थान है जहाँ सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष मिले हैं मोहनजोदड़ो में की गई खुदाई से प्राप्त वस्तुओं से प्राचीन इतिहास समझने में बहुत मदद मिलती है।
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➤ प्रश्न 2. सिंधु घाटी सभ्यता का प्रसार कहाँ-कहाँ तक था?
=> उत्तर- सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष मोहनजोदड़ो के अलावा दूर- दूर स्थानों तक मिले हैं। यह सभ्यता पश्चिम में काठियावाड़ और पंजाब के अंबाला जिले के अलावा गंगा की घाटी तक फैली थी।
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➤ प्रश्न 3. सिंधु घाटी सभ्यता में व्यापार की क्या स्थिति थी?
=> उत्तर- सिंधु घाटी सभ्युता ने फ़ारस, मेसोपोटामिया और मित्र की सभ्यताओं से व्यापार किया। इन नागर सभ्यता में व्यापारी वर्ग धनादे्य था। उसकी भूमिका महत्वपूर्ण थी। सड़कों के किनारे दुकानों की पंक्तियाँ थी जहाँ संभवतः छोटी-छोटी दुकानें थीं।
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➤ प्रश्न 4. आर्य कौन थे? वे भारत कब आए?
=> उत्तर- आयों की पहचान तथा उनके मूल स्थान के बारे में कुछ निश्चित पता नहीं है। व्यवहारिक रूप से उन्हें भारत की ही संतान माना गया है। आर्य भारत में सिंधु घाटी युग के एक हजार वर्ष बाद आए होंगे।
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➤ प्रश्न 5. वैदिक युग के काल निर्धारण पर विद्वानों की क्या राय है?
=> उत्तर- वैदिक युग के काल निर्धारण पर विद्वान एकमत नहीं है। भारतीय विद्वान वैदिक युग का काल बहुत पहले के मानते हैं जबकि यूरोपीय विद्वान इसका समय बहुत बाद का मानते हैं
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➤ प्रश्न 6. वेद क्या है? भारत में प्रथम वेद किसे माना जाता है ?
=> उत्तर- वेद हिंदुओं के प्रकाशित धर्म-ग्रंथ हैं वेदों से हमें यह ज्ञात होता है कि विचारों की प्रारंभिक अवस्था में मानव- मस्तिष्क ने स्वयं को कैसे व्यक्त किया था। ऋग्वेद को भारत का प्रथम वेद माना जाता है।
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➤ प्रश्न 7. वेद शब्द की उत्पत्ति बताते हुए इसका अर्थ स्पष्ट कीजिए?
=> उत्तर- 'वेद' शब्द की उत्पत्ति विद् धातु से हुई है, जिसका अर्थ है-जानना। वेद का सीधा-साधा अर्थ है-अपने समय के ज्ञान का संग्रह। वेदों में न मूर्ति पूजा है और न देव मंदिर।
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➤ प्रश्न 8. उपनिषदों का मनुष्य के जीवन में क्या महत्व है?
=> उत्तर- उपनिषद मनुष्य को भारतीय आयों के चिंतन के बारे में गहराई से ज्ञान कराते हैं ये ईसा पूर्व 800 के आस पास के तत्कालीन सामाजिक गतिविधियों की जानकारी देते हैं।
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➤ प्रश्न 9. महाकाव्यों में उपलब्ध सामप्री की क्या विशेषता है ?
=> उत्तर- महाकाव्यों में उपलब्ध सामग्री की विशेषता यह है कि इसमें शिक्षित तथा अनपढ़ सभी के लिए कुछ न कुछ उपलब्ध है। इनमें वह रहस्य छिपा है जो जाति-पौति में विभाजित ऊँच-नीच समाज को भी एक जुट रखता है।
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➤ प्रश्न 10. महाभारत महाकाव्य के रूप में क्यों प्रसिद्ध है ?
=> उत्तर- महाभारत ऐसा महाकाव्य है, जिसकी गणना विश्व की श्रेष्ठतम रचनाओं में की जाती है। यह प्राचीन भारत की सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों का विश्वकोष है, जिसकी मदद से उस काल के बारे में बहुत कुछ जाना-समझा जा सकता है।
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➤ प्रश्न 11. प्राचीन भारत में ग्राम सभाओं की क्या स्थिति थी? उनकी आय का साधन क्या था?
=> उत्तर- प्राचीन भारत में ग्राम सभाएँ स्वतंत्र थी। वे स्वशासित होते थे। इन्हें समूहों में बाँट दिया जाता था। लगान इनकी आमदनी का मुख्य साधन था। यह उपज के छठें हिस्से तक होता था।
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➤ प्रश्न 12. पाणिनि कौन थे? उन्होंने कौन-सी पुस्तक लिखी ?
=> उत्तर- पाणिनि संस्कृत भाषा के प्रसिद्ध वैयाकरण थे। उन्होंने छठीं या सातवीं शताब्दी ईसा पूर्व में व्याकरण की प्रसिद्ध पुस्तक ' अष्टध्यायी' की रचना की जिसे आज भी संस्कृत व्याकरण का आधिकारिक प्रमाण माना जाता है।
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➤ प्रश्न 13. महाकाव्यों के युग में शिक्षा की क्या व्यवस्था थी?
=> उत्तर- महाकाव्यों के युग में कस्बों के निकट वनों में विद्यालय हुआ करते थे, जिनमें अनेक विषयों का शिक्षण तथा सेन्य प्रशिक्षण दिया जाता था। यहाँ विद्यार्थियों को शहरी जीवन के आकर्षण से बचाकर नियमित और ब्रह्मचर्य जीवन बिताने की सीख दी जाती थी।
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➤ प्रश्न 14. चरक कौन थे? चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उनका योगदान क्या था?
=> उत्तर- चरक कनिष्क के दरबार में राजवैद्य थे। उन्होंने औषधि विज्ञान पर ईसवीं सन् की शुरुआत में पुस्तकें लिखी। अनेक बीमारियों और उनकी पहचान तथा इलाज का वर्णन है।
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➤ प्रश्न 15. महात्मा बुद्ध कौन थे? उनके विषय में अजीव संयोग क्या है?
=> उत्तर- महात्मा बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। वे क्षत्रिय थे। उनकी मृत्यु ईसा पूर्व 544 ईसा पूर्व में हुई। इस दिन बैशाख पूर्णिमा की तिथि थी। इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और उनका निर्वाण भी इसी तिथि को हुआ था।
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➤ प्रश्न 16. बुद्ध-कथा से मनुष्य को क्या शिक्षा मिलती है ?
=> उत्तर- बुद्ध-कथा से मनुष्य को शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को संघर्ष से नहीं भागना चाहिए, बल्कि शांत-दृष्टि से उनका मुकाबला करते हुए जीवन में विकास और प्रगति के बड़े अवसरों को देखना चाहिए।
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➤ प्रश्न 17. चंद्रगुप्त द्वारा स्थापित मौर्य साम्राज्य की जानकारी हमें कहाँ से मिलती है?
=> उत्तर- चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा स्थापित मौर्य साम्राज्य की जानकारी हमें दो साधनों से मिलती है। (i) सेल्यूकस के राजदूत मेगस्थनीज के विवरण से। (ii) कौटिल्य द्वारा लिखित 'अर्थशास्त्र' से।
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➤ प्रश्न 18. अर्थशास्त्र में राजा के राज्याभिषेक के संबंध में क्या कहा गया है?
=> उत्तर- अर्थशास्त्र में कहा गया है कि राजा को राज्याभिषेक के समय शपथ लेनी पडती थी कि वह अपनी प्रजा की सेवा करेगा। उसका सुख प्रजा के सुख में है राजा वही कार्य करेगा, जिसमें प्रजा की भलाई हो। अनीति करने वाले राजा को हटाकर दूसरे को राजा बनाया जा सकता है
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➤ प्रश्न 19. अशोक कौन था? उसने कलिंग-विजय करने का मन क्यों बनाया?
=> उत्तर- अशोक वह महान शासक था, जिसने 273 ई. पू. में मौर्य साम्राज्य का बागडोर संभाला। इस साम्राज्य में भारत का बहुत बड़ा हिस्सा शामिल था। अशोक संपूर्ण भारत को एक शासन व्यवस्था के अधीन लाना चाहता था, इसलिए उसने कलिंग विजय का मन बनाया।
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➤ प्रश्न 20. अशोक द्वारा किए गए कार्यों तथा विचारों की जानकारी हमें किस तरह मिलती है?
=> उत्तर- अशोक के कार्यों तथा विचारों की जानकारी उनके फ़रमानों के माध्यम से मिलती है जो उसने जारी किए। ये फरमान पत्थर और धातु पर खोदे गए जो पूरे भारत में फैले हैं तथा आज भी सुरक्षित है।
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