~ प्रशांत महासागर पृथ्वी का सबसे बड़ा महासागर है। यह पृथ्वी के लगभग एक तिहाई क्षेत्रफल पर फैला हुआ है। और इसका क्षेत्रफल सभी स्थलों के संयुक्त क्षेत्रफल से भी अधिक है।
~ प्रशांत महासागर की आकृति लगभग त्रिभुजाकर है। यह पूर्व से पश्चिम में लगभग 19800 किमी. की चौड़ाई और उत्तर से दक्षिण में लगभग 15500 किमी. की लंबाई में फैला हुआ है।
~ प्रशांत महासागर के उत्तर में बेरिंग जलडमरूमध्य, पूर्व में उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका, दक्षिण में अंटार्कटिका महाद्वीप तथा पश्चिम में एशिया व ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप और द्वीप समूहों की एक लंबी श्रृंखला है।
~ प्रशांत महासागर विश्व का सबसे अधिक गहरा महासागर भी है। इसके बेसिन की औसत गहराई लगभग 4200 मी. तक है। तथा इसकी अधिकतम गहराई लगभग 10,900 मी. तक है।
~ इस विशालकाय महासागर में 20000 से भी अधिक द्वीप हैं। महाद्वीपों के निकट स्थित द्वीप महाद्वीपीय द्वीप होते हैं। और ये महाद्वीपीय चट्टानों के ही बने होते हैं। तथा महासागरों के मध्य स्थित द्वीप प्रवाल तथा ज्वालामुखीय प्रक्रियाओं से निर्मित होते हैं। प्रवाल भित्तियां प्रशांत महासागर की प्रमुख विशेषता है।
~ प्रशांत महासागर में कई आंतरिक तथा सीमांत सागर जैसे बेरिंग सागर, ओखोटस्क सागर, जापान सागर, कोरल सागर, अराफुरा सागर, तस्मान सागर पूर्वी चीन सागर एवं दक्षिणी चीन सागर आदि पाए जाते हैं।
~ प्रशांत महासागर में अटलांटिक महासागर तथा हिन्द महासागर के समान मध्यवर्ती कटक नहीं पाए जाते हैं। किन्तु कुछ बिखरे हुए कटक जैसे – प्रशांत कटक (अलबेट्रास पठार), न्यूजीलैंड रिज, क्वींसलैंड पठार आदि पाए जाते हैं।
~ प्रशांत महासागर के पूर्वी भाग में अलास्का की खाड़ी, कैलिफोर्निया की खाड़ी, पनामा की खाड़ी, फाल्सो की खाड़ी स्थित है।
~ प्रशांत महासागर का नितल हर जगह लगभग एक समान है। जिस पर चौड़े चौड़े उभार और अवतल मौजूद हैं। इस महासागर का उत्तरी भाग सबसे अधिक गहरा है। जिसकी औसत गहराई 5000 मी. से 6000 मी. तक है। अल्युशियन, क्यूराइल, जापान तथा बेनिन इस भाग के कुछ मशहूर गर्त हैं। जिनकी गहराई 7000 मी. से 10000 मी. तक है।
~ विश्व का सबसे गहरा गर्त मेरियाना ट्रेंच/गर्त भी प्रशांत महासागर में पाया जाता है। मेरियाना ट्रेंच में स्थित चैलेंजर डीप की गहराई लगभग 10920 मी. तक है।
~ प्रशांत महासागर में अधिकांश गर्त द्वीपीय क्षेत्रों के समीप मिलते हैं। मध्य भाग में अधिक संख्या में समुद्री पर्वत, गाईआॅट तथा समानांतर और वृत्ताकार द्वीप श्रृंखलाएं हैं।
~ प्रशांत महासागर के दक्षिण पश्चिमी भाग में विभिन्न प्रकार के द्वीप, तटीय सागर, महाद्वीपीय मग्नतट तथा जलमग्न गर्त हैं। दक्षिण पूर्वी प्रशांत महासागर में चौड़े जलमग्न कटक व पठार हैं। तटीय सागरों की अनुपस्थिति इस भाग की विशेषता है। इस भाग के अटाकामा तथा टोंगा गर्त क्रमशः लगभग 8000 मी. तथा 9000 मी. गहरे हैं।
~ प्रशांत महासागर का क्षेत्रफल 16,52,50,000 वर्ग किमी. है। अर्थात् इसका क्षेत्रफल अटलांटिक महासागर के दोगुने से भी अधिक है। यह पृथ्वी के सम्पूर्ण क्षेत्रफल के लगभग 32% और जल क्षेत्र के लगभग 46% भाग पर फैला हुआ है।
~ भूमध्य रेखा प्रशांत महासागर को दो भागों में विभाजित करती है – उत्तरी प्रशांत महासागर और दक्षिणी प्रशांत महासागर।
~ प्रशांत महासागर का नाम प्रशांत पुर्तगाल के रहने वाले मैगलन ने रखा था। मैगलन ने पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले पहले दल का नेतृत्व किया था। जब यह दल तूफानी अटलांटिक महासागर को पार करके प्रशांत महासागर में आया तो प्रशांत महासागर का जल अटलांटिक महासागर की तुलना में काफी शांत था। अतः इसका नाम प्रशांत महासागर पड़ा।
No comments:
Post a Comment