WELCOME TO PROMISEDPAGE

Always type promisedpage4u.bogspot.com to search our blog विभिन्न "दिन विशेष" प्रश्नमंजूषा में हिस्सा लेकर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले सभी सहभागियों का अभिनंदन। सहभागियों की संख्या ज्यादा होने के कारण प्रमाणपत्र भेजने में देरी हो सकती है। सभी सहभागियों के प्रमाणपत्र भेजे जाएंगे। कृपया सहयोग करे। "The Constitution is not a mere lawyer's document; it is a vehicle of life, and its spirit is always the spirit of age." - Dr. B. R. Ambedkar. Click here for Quiz on INDIAN CONSTITUTION DAY. Participants are requested to type their correct email address to receive the certificates. Type your school name and address in short

Monday, May 3, 2021

बुद्ध पूर्णिमा 2021

👉CLICK HERE FOR QUIZ ON "GAUTAM BUDDHA" ON THE OCCASION OF "BUDDHA POURNIMA" बुद्ध पौर्णिमा के अवसर पर प्रश्न मंजूषा के लिए यहाँ क्लिक करें।👈

गौतम बुद्ध बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। दुखों से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने चार आर्य सत्य कहा था। गया में निरंजना नदी (आधुनिक लीलाजन) के तट पर एक पीपल के पेड़ नीचे उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था। उनका जन्मदिन श्रीलंका (जहां इसे वैषाख कहा जाता है), नेपाल, भूटान, बर्मा, थाईलैंड, तिब्बत, चीन, कोरिया, लाओस, वियतनाम, मंगोलिया, कंबोडिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया जैसे देशों में बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। 

वैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। बुद्ध पूर्णिमा भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव है। इस साल यह पर्व 26 मई को मनाया जाएगा। यह बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे बड़ा उत्सव होता है। हिन्दू धर्म के लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण उत्सव माना जाता है। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक भगवान विष्णु के नौवें अवतार माने जाते हैं। आइए जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा 2021 का मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व के बारे में। 

वैशाख पूर्णिमा मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 25 मई 2021 (रात 8:20 से लेकर)

पूर्णिमा तिथि समाप्त- 26 मई 2021 (शाम 04:40 तक)

वैशाख पूर्णिमा़ व्रत विधि

वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान से पहले व्रत का संकल्प लें।

पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें और स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें।

स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।

स्नान से निवृत्त होकर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए और उन्हें नैवेद्य अर्पित करना चाहिए।

अंत में दान-दक्षिणा दें।

भगवान बुद्ध का जन्मोत्सव

वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध का जन्म हुआ। बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्त्व माना गया है। भगवान बुद्ध को विष्णु जी का स्वरूप माना जाता है। भगवान बुध का जन्म 563 ईसा पूर्व नेपाल के लुम्बिनी नगर में हुआ था। दुनिया को दिया गया भगवान बुद्ध का अष्टांगिक मार्ग समस्त दुखों के निदान का मार्ग है।

वैशाख पूर्णिमा का ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा तिथि का प्रभाव प्रत्यक्ष रूप से मनुष्य के मन और शरीर पर पड़ता है। ज्योतिष में चंद्रमा को मन और द्रव्य पदार्थों का कारक माना जाता है। क्योंकि इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण रूप में होता है। इसलिए आज के दिन व्यक्ति के मन पर पूर्णिमा का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। वहीं मनुष्य के शरीर में लगभग 80 फीसदी द्रव्य पदार्थ है। अतः पूर्णिमा को चंद्र ग्रह की पूजा का विधान है, ताकि मन और शरीर पर चंद्रमा का शुभ प्रभाव पड़े।

👉CLICK HERE FOR QUIZ ON "GAUTAM BUDDHA" ON THE OCCASION OF "BUDDHA POURNIMA" बुद्ध पौर्णिमा के अवसर पर प्रश्न मंजूषा के लिए यहाँ क्लिक करें।👈

No comments:

Post a Comment

JNVST-2025 Result Declared!

Navodaya Vidyalaya Samiti has declared the result of the Jawahar Navodaya Vidyalaya Selection Test (JNVST) 2025. Check Your Result No...

PROMISEDPAGE

Quiz on "AZAD HIND FAUJ" UPLOADED. TYR IT.

BEST OF LUCK

"HAVE A NICE DAY "